Tuesday, September 21, 2010

बेक़रार ...

धड़कन थम जाती है, नाम तेरा जो आता है,
दिल बेकरार हो जाता है,  ख़याल तेरा जब आता है,
होंठ  तरसते हैं  छूने को, दीदार तेरा जब होता है
तरसते है सकूं को सपनो में भी, तू जो हर दम चला जाता है....

आता नहीं समझ अब,  जायें तो कहाँ जायें ?
जिधर ना तू ना ही तेरी यादें हमे सताएं .....

Saturday, September 4, 2010

इंतज़ार...

इंतज़ार में तेरे दीदार के, सदियाँ गुजर गयीं,
हंसी की इक झलक को, ये अखियाँ तरस गयीं,
कोशिश  की बहुत, बीते चंद घड़ियाँ तुझे याद किये बिना,
हर 
लम्हा तू याद आया, तेरी याद में दिल रोया और आंखें आंसू बहा कर रह गयीं....

तू आयेगा या नहीं, कुछ भी तो गुमान नहीं हमे ,
इंतज़ार करते रहे, ये अब नागवारा है हमे,
दिल तो रोयेगा, तुझ से दूर जाने में,
जी लेंगे मगर, चंद झूठी यादों के सहारे...

हमको मालूम है, दिल की हर तमन्ना सच नहीं होती,
भूल जाना चाहते हैं तुझे, बस अब तो यही दुआ है उस रब से...