Sunday, July 25, 2010

जुस्तजू

कुछ सपनो ने उड़ कर, दिल में आशना सजा  लिया,
नन्हे  से इस दिल में, इक अपना ज़हान बसा लिया,
छोटे-बड़े ख्वाब  हर पल अब दस्तक देते हैं,
अन्दर आने को सदा बेताब रहते हैं...

इस खूबसूरत दुनिया में खो जाऊँ, अब तो यही आरज़ू है ,
हंसी के कुछ  पल लूट कर फिर से जी पाऊँ , दिल की ये जुस्तजू है.....

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