Sunday, July 11, 2010

मिलन

ख्याल उनके, मेरी दिन-रातों को महकाते हैं,
सोच के उनकी कही बातें, हम मन ही मन मुस्काते हैं
किस्सा यह चाहत का अजीब सा है
मिलन यह जिस्मों का नहीं, दिलों के नसीब का है,
अब हम उनके ख्यालों में हर दम,
और वो हमारे ख्यालों में आते हैं 
सपनो की दुनिया में ही सही, मिल तो पाते हैं .....

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