Sunday, July 25, 2010

चाहत...

हम तो हम ही थे, कल  भी और आज भी,
तुम्ही ने देखने का नज़रिया बदल दिया,
चाहा तो तब भी था उतना ही,
तुम्ही ने कल ख़ुशी से कबूला और आज नाकबूल कर दिया....

प्यार आज भी है इतना, की कहो तो जान लुटा दें,
फिर सोचा, प्यार दिखलाने का मौका हम अब तुम पे छोड़ दें,
देखें तो सही,  क्या-क्या कर पाओगे तुम हमारे लिए,
हम तो जान दे सकते हैं; तुम इन होंठों को हंसी लोटा पाओं, बस उतना ही काफी है
हमारे लिए ....... 

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