Monday, March 7, 2011

उम्मीद...


आंसूं  को  समझ  पाते , तो  क्या  गम  था ,
दिल  की  बातें  जान  जाते , तो  गम  क्या  था...

हम  उम्मीद  में  बैठे  रहे , की  आओगे   तुम ,
इंतज़ार  को   हमारे  समझ  पाते , तो  क्या गम  था ....

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