Tuesday, March 29, 2011

निगाहों की जुबां ....


इस  दिल  की  बातें  गर  तेरी  आंखें  समझ  जाती ,
बिन  बोले  ही  दास्ताने   दिल  बयान  हो   जाती ,

उनसे  नज़रों   का   मिलना , मिल   कर  उनका  हमसे  नज़रें  चुरा  लेना,
काश ... कुछ  दिल  की  बातें , ये  नज़रें  न  समझ  पाती   :(...
     

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