Monday, March 21, 2011

तम्मनायें......



जानते  तो  ये  सब  है  मगर , दिल  पे  किस  का  ज़ोर  है,
उड़ता  है  पंख  लगा  कर , भटकता  हर  ओर  है ...

गम  नहीं  गर  तम्मनायें  अधूरी  रह  जायें , कुछ  हसीन  सपने  तो  हमने  देख  लिए ,
तम्मनाओं  के  बहलावे  में  आ  तो  गए , कुछ  हसीं  पल  जिंदगी  के  इस  बहाने  हमने  जी  ही  लिए...

No comments:

Post a Comment