झुकी आँखों में तस्वीर छिपी है उनकी,
भीनी मुस्कान में, बस उन्ही का ख्याल है,
हर जगह, हर शक्स में, वो दिखता है हमे,
ऐ, नींद चुराने वाले, न जाने तेरा कैसा है,
हमारा तो रात -दिन कुछ अजीब सा हाल है.....
काश कह सकते हम , की वो चाहते हमे हैं , ख़्वाबों में सजातें हमे हैं , मगर हकीकत तो ये है , न तो वो चाहते हमे हैं , ना ही हम उनके सपने सजाते हैं , हम तो मुस्कान देख उनकी , ख्वाबों की दुनिया में बस मिल आते उन्हें है , फिर सपनो की दुनिया सजाते खुद ही हैं....
जानते तो ये सब है मगर , दिल पे किस का ज़ोर है,
उड़ता है पंख लगा कर , भटकता हर ओर है ...
गम नहीं गर तम्मनायें अधूरी रह जायें , कुछ हसीन सपने तो हमने देख लिए ,
तम्मनाओं के बहलावे में आ तो गए , कुछ हसीं पल जिंदगी के इस बहाने हमने जी ही लिए...
भूलना चाहते हैं उस दर्द को , दुखता है जो हर दम ,
याद उनकी साथ है , हंसी में उड़ा देना चाहते हैं हम ...
काश हँसते -हँसते दिल की ये धड़कन थम जायें किसी रोज ,
इस दिल के दर्द की भनक न होने पाए कभी उनको .....
कभी याद आये जो हम तुम्हे , आंखें बंद कर लेना , कुछ हसीं यादों को , फिर से जी लेना ... मिलने तो न पाएंगे हम कभी भी तुमसे , बंद झरोखों के पीछे छिप कर , हम से मिलने की दुआ ही कर लेना ...